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आढ़त बाजार के लिए 7.7 हेक्टेयर भूमि मुफ्त देगी सरकार

देहरादून: देहरादून में आढ़त बाजार को हरिद्वार बाईपास के निकट पटेलनगर थाने के पीछे शिफ्ट करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। नया आढ़त बाजार ब्राह्मणवाला व निरंजनपुर स्थित एमडीडीए की भूमि पर बनाया जाएगा। सरकार ने यह भूमि मुफ्त देने पर कैबिनेट में मंजूरी दे दी है। आढ़त बाजार विस्थापन में व्यापारियों को प्लॉटों के बदले कोई कीमत अदा नहीं करनी होगी। व्यापारियों की अधिग्रहित भूमि के बदले दोगुनी कीमत (115 करोड़) के प्लॉट उन्हें नई आढ़त बाजार में आवंटित किए जाएंगे। 7.7493 हेक्टेयर भूमि में अत्याधुनिक आढ़त बाजार बनेगा। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) नए आढ़त बाजार में बिजली, पानी, पार्किंग, सड़क आदि की सुविधा उपलब्ध कराएगा। व्यापारियों को प्लॉटों की रजिस्ट्री के लिए स्टाम्प शुल्क और डेवलपमेंट चार्ज का खर्च उठाना होगा। वहीं, आवश्यकता के अनुसार व्यावसायिक नक्शा बनवाकर एमडीडीए से पास करवाना होगा।

दशकों के इंतजार के बाद आढ़त बाजार को शिफ्ट करने के प्रोजेक्ट को शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। आढ़त बाजार के शिफ्ट होने से सहारनपुर चौक से तहसील चौक के बीच लगने वाले जाम की समस्या का स्थायी निदान हो जाएगा। यहां 16 से 18 मीटर सड़क को 24 मीटर कर दिया जाएगा।

एमडीडीए ने ब्राह्मणवाला व निरंजनपुर की जमीन पर आढ़त बाजार विस्थापन के लिए आने वाले खर्च में राज्य सरकार से छूट मांगी थी। जिस पर सरकार ने 7.7493 हेक्टेयर भूमि मुफ्त में देने का फैसला लिया है। इस भूमि की कीमत सर्किल रेट के अनुसार 222.79 करोड़ है।

भू-उपयोग बदलने का खर्च भी सरकार उठाएगी

नए आढ़त बाजार के प्रस्तावित स्थल का भू-उपयोग बदलकर व्यावसायिक कराना होगा। इसमें 33.41 करोड़ का खर्च आएगा। वहीं, सहारनपुर चौक से तहसील चौक के बीच सड़क चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित की गई जमीनों को लोक निर्माण विभाग के पक्ष में रजिस्ट्री कराना होगा। इसमें स्टाम्प, रजिस्ट्रेशन शुल्क 3.31 करोड़ होगा। यह पूरा खर्च सरकार उठाएगी।

इस तरह आवंटित होंगे प्लॉट

एसएन पांडेय, सचिव आवास ने बताया, 60, 120, 150 स्क्वायर मीटर के प्लॉट आढ़तियों को दिए जाएंगे। गैर आढ़तियों को 15, 20, 25 स्क्वायर मीटर और खोखा-रेहड़ी वालों को 15 स्क्वायर मीटर से छोटे प्लॉट दिए जाएंगे। सहारनपुर चौक से तहसील चौक के बीच भूमि अधिग्रहण के बाद जिसकी दुकान या मकान का क्षेत्रफल 30 स्क्वायर मीटर होगा उसे सरकार खरीदेगी। वहीं, जिसका 30 स्क्वायर मीटर से अधिक बचेगा। उसे नक्शा पास कराकर अपडेट कराना होगा।
प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल समिति के प्रदेश महामंत्री एवं मंडी समिति के पूर्व सभापति विनय गोयल ने आढ़त बाजार विस्थापन एवं पुनर्स्थापना पर खुशी जताई। कहा, आढ़त बाजार की यह समस्या केवल वहां के व्यापारियों और निवासियों की ही नहीं थी, यह राजधानी देहरादून में प्रवेश करने वाले हर पर्यटक की बड़ी समस्या थी। कई सरकारों ने इसकी चर्चा तो की लेकिन समाधान का प्रयास नहीं किया।
आढ़त एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र गोयल ने कहा, सरकार का यह फैसला ऐतिहासिक है। आढ़त बाजार शिफ्ट होने से शहर की बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा। इससे पूरा आढ़त बाजार एक जगह आ जाएगा। आढ़त व्यापारी सरकार के फैसले के साथ हैं।

नए आढ़त बाजार को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब प्रस्तावित जमीन का भू उपयोग बदला जाएगा। साथ ही वहां पर प्लाॅटों का निर्धारण कर डेवलपमेंट का कार्य शुरू कराया जाएगा।
– बंशीधर तिवारी, उपाध्यक्ष, एमडीडीए

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