The Kashmir Files: ट्वीट के बाद बैकफुट पर आई कांग्रेस
कांग्रेस के नेता ने कहा, ‘हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। केरल कांग्रेस या केरल में यूडीएफ ने कभी भी इस फिल्म पर किसी भी मंच पर इस तरह के मामले पर चर्चा नहीं की। मैं संबंधित प्राधिकरण से जांच करूंगा। हम पूछताछ करेंगे और कार्रवाई करेंगे।’ दरअसल, केरल कांग्रेस ने एक ट्वीट में दावा किया था जम्मू-कश्मीर में 1990-2007 के दौरान पंडितों की तुलना में मुस्लिम अधिक मारे गए थे।
केरल कांग्रेस की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया था ‘कश्मिरी पंडितों के बारे में तथ्य: वह आतंकी ही थे जिन्होंने पंडितों को निशाना बनाया। पिछले 17 सालों (1990-2007) में हुए आतंकि हमलों में 399 पंडित मारे गए है। इसी अवधि में आतंकवादियों की ओर से मारे गए मुसलमानों की संख्या 15,000 है।’ इस ट्वीट को बाद में डिलीट भी कर दिया गया। वहीं, एक अन्य ट्वीट में केरल कांग्रेस ने दावा किया था कि विभाजन के बाद सांप्रदायिक दंगों में जम्मू-कश्मीर में एक लाख से अधिक मुसलमान मारे गए थे। जबकि जवाब कार्रवाई में कोई पंडित नहीं मारा गया था। एक अन्य ट्वीट में दावा किया गया कि जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन आरएसएस के व्यक्ति थे, और उन्होंने पंडितों को सुरक्षा प्रदान करने के बजाय उन्हें सामूहिक रूप से घाटी छोड़ने के लिए कहा।