Fri. Oct 24th, 2025

समान नागरिक संहिता पूरे देश में लागू की जानी चाहिए, इससे हिंदू समाज ही नहीं, सभी के अधिकारों की भी रक्षा होगी

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के सरकार के फैसले का समूचा संत समाज स्वागत करता है। समान नागरिक संहिता पूरे देश में लागू की जानी चाहिए। इससे हिंदू समाज ही नहीं, सभी के अधिकारों की भी रक्षा होगी। उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सराहनीय कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड विश्व पटल पर पहचान बना रहा है।

संत समाज का पूर्ण समर्थन केंद्र और राज्य सरकार को है। यह बातें निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने दून दौरे के दौरान कहीं। आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि रविवार को देहरादून में भाजपा के वरिष्ठ नेता विश्वास डावर के आवास पहुंचे। यहां उन्होंने संत समाज के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न धार्मिक मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में समान नागरिक संहिता पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश में अलग स्थान रखता है। यह देवों की भूमि होने के साथ ही हमारी संस्कृति की परिचायक और धरोहर है। यहां पुष्कर सिंह धामी की सरकार समान नागरिक संहिता लागू करने जा रही है। संत समाज को विश्वास है कि उत्तराखंड में शीघ्र समान नागरिक संहिता लागू होगी।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उनके सानिध्य में देश उन्नति के पथ पर अग्रसर है। उत्तराखंड को भी उनके नेतृत्व में अपनी अलग पहचान बनाने में सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए कहा कि भले ही वह विधानसभा चुनाव हार गए, लेकिन मुख्यमंत्री के तौर पर उपयुक्त हैं। उनके नेतृत्व में प्रदेश नई ऊंचाई पर पहुंचेगा। इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने किया पंचांग का विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्वतीय परंपराओं पर आधारित श्री हरि पंचांग का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने पंचांग को उपयोगी बताते हुए प्रकाशक टीम को शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री आवास में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में बताया गया कि यह पंचांग पंडित पंकज दुर्गापाल ने एसकेपी प्रोजेक्ट प्रा. लिमिटेड वडोदरा, गुजरात के सीएमडी एससी पांडे के सहयोग से तैयार किया है। एससी पांडे ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके द्वारा आवाज सुनो पहाड़ों की कार्यक्रम के माध्यम से प्रवासी उत्तराखंडियों को अपनी जड़ों से जोडऩे का प्रयास भी किया जा रहा है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *