वाइब्रेंट विलेज को यूपीसीएल और उरेड़ा मिलकर रोशन करेंगे
Dehradun: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत राज्य के 51 गांवों का चयन हुआ है। इन गांवों के लिए 758 करोड़ रुपये की योजनाएं बनी हैं। ज्यादातर गांव ऐसे हैं, जिनमें आज तक बिजली नहीं पहुंची है। लिहाजा, बड़े पैमाने पर इनके विद्युतीकरण की योजना बनाई गई है। जिन गांवों में आसानी से बिजली लाइन पहुंच सकती है, वहां यूपीसीएल लाइन पहुंचाएगा।
जो अति दुर्गम गांव हैं, वहां उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (उरेडा) सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाएगा। यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमएल प्रसाद ने बताया कि विद्युतीकरण का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। जैसे निर्देश आएंगे, उसी के अनुसार विद्युतीकरण कार्य कराया जाएगा।
पुराली, मुखबा, झाला, जसपुर, हर्षिल, धराली, टोला, टिडांग, सेला, सीपू, रोंगकों, रिलकोट, पांछु, नवी, नपल्छ, मार्तोली, मारछा, कुटि, बलिंग, किमलिंग, गूंजी, गर्ब्यांग, डुग्टू, बुरफ, बिल्जु, मिलाम, सोबला, पांछु, डार, बेडा, अमाली, बगोरी, महारगों, नीति, मलारी, कोशा, कैलाशपुर, गमसाली, फरकिया, बाम्पा, माणा।
जो अति दुर्गम गांव हैं, वहां उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (उरेडा) सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाएगा। यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमएल प्रसाद ने बताया कि विद्युतीकरण का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। जैसे निर्देश आएंगे, उसी के अनुसार विद्युतीकरण कार्य कराया जाएगा।
पुराली, मुखबा, झाला, जसपुर, हर्षिल, धराली, टोला, टिडांग, सेला, सीपू, रोंगकों, रिलकोट, पांछु, नवी, नपल्छ, मार्तोली, मारछा, कुटि, बलिंग, किमलिंग, गूंजी, गर्ब्यांग, डुग्टू, बुरफ, बिल्जु, मिलाम, सोबला, पांछु, डार, बेडा, अमाली, बगोरी, महारगों, नीति, मलारी, कोशा, कैलाशपुर, गमसाली, फरकिया, बाम्पा, माणा।
वाइब्रेंट विलेज के प्रति पर्यटकों का आकर्षण होगा, इसे देखते हुए टूरिस्ट गाइड भी बनेंगे। स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि उनके लिए स्वरोजगार की राह खुले। मुख्य सचिव ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं।