उत्तराखंड बना निक्षय मित्र पंजीकरण में देश का पहला राज्य

देहरादून: प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में सबसे अधिक निक्षय मित्रों का पंजीकरण कर उत्तराखंड ने देश में पहला स्थान पाया है। प्रदेश के तीन जिलों में शत प्रतिशत निक्षय मित्रों को रोगी की देखभाल व उपचार के लिए लिंकेज किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने निक्षय मित्र पंजीकरण में उत्तराखंड के प्रयासों को सराहा है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने टीबी उन्मूलन में आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से निक्षय मित्र बन कर सहयोग का आह्वान किया।
टीबी मरीजों की औसत संख्या के आधार पर उत्तराखंड देश भर में सर्वाधिक निक्षय मित्र पंजीकरण करने वाला राज्य बना है। निक्षय मित्र के रूप में निर्वाचित प्रतिनिधि, राजनीतिक दल, गैर सरकार संगठन, कारपोरेट संस्थानों समेत कोई भी व्यक्ति पंजीकरण कर सकता है।
निक्षय मित्र के रूप में प्रत्येक व्यक्ति एक या एक से अधिक टीबी रोगियों को कम से कम एक वर्ष तक गोद लेकर उपचार में सहयोग करेगा। निक्षय मित्र केंद्र सरकार सुझाए फूड बास्केट प्रत्येक माह रोगी को उपलब्ध कराएगा। जिसकी अनुमानित लागत एक हजार रुपये है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य की उपलब्धि पर बधाई देते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि उत्तराखंड सबसे पहले टीबी उन्मूलन में कामयाबी हासिल करेगा। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत अभी तक राज्य में 5852 निक्षय मित्र बनाए गए हैं। इसमें 91 प्रतिशत निक्षय मित्रों का टीबी मरीजों के साथ लिंकेज कर दिया गया है।
प्रदेश के तीन जनपद टिहरी गढ़वाल, चमोली और चंपावत में शत प्रतिशत निक्षय मित्रों का लिंकेज किया जा चुका है। जबकि पांच जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, ऊधमसिंहनगर और उत्तरकाशी में 95 फीसदी से अधिक निक्षय मित्रों का लिंकेज किया जा चुका है।
समाज का प्रत्येक सक्षम व्यक्ति टीबी रोगियों की सहायता के लिए निक्षय मित्र बनने का संकल्प ले। लोग इस राष्ट्रीय अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सच्ची मित्रता निभाएं। इस अभियान में सभी सरकारी विभागों, निर्वाचित प्रतिनिधियों राजनीतिक दलों गैर सरकारी संगठनों और कारपोरेट संस्थानों का सहयोग अपेक्षित है।