उत्तराखंड का भविष्य अब SETU के हवाले

Dehradun: सशक्त उत्तराखंड @2025 के लक्ष्य को साधने के लिए प्रदेश मंत्रिमंडल ने बुधवार को स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) के संगठनात्मक ढांचे को मंजूरी दे दी है। केंद्र में नीति आयोग की तर्ज पर सेतु प्रदेश सरकार की नीति व नियोजन में थिंक टैंक की तरह काम करेगा।
सेतु का यह होगा उद्देश्य : नागरिकों के विकास एवं कल्याण की सामाजिक एवं व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एजेंडा तैयार करेगा। जन आवश्यकताओं के अनुसार, उनकी पूर्ति के लिए सक्रिय रहेगा। विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करेगा।
सभी समूहों का समावेश करेगा। राज्य के युवाओं के लिए अवसरों की समानता। पर्यावरण को बचाते हुए सतत विकास। सरकार के प्रत्यक्ष और उत्तदायी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। राज्य के संसाधनों के कुशल और प्रभावी उपयोग के लिए समन्वय, सामुदायिक भागीदारी व नेटवर्किंग पर जोर देगा।
मुख्यमंत्री होंगे अध्यक्ष, सेतु के तहत तीन केंद्र
सेतु के संगठनात्मक ढांचे के मुताबिक, मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे। यदि वह नियोजन मंत्री हैं, तो उपाध्यक्ष पद पर वह किसी मंत्री को नामित करेंगे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुक्त बाजार से लिया जाएगा। यह नामी अर्थशास्त्री या सेवानिवृत्त नौकरशाह हो सकता है। सभी मंत्री इसके सदस्य होंगे। सेतु के तहत तीन केंद्र होंगे और प्रत्येक में दो-दो सलाहकार होंगे। इनमें आर्थिक एवं सामाजिक विकास केंद्र में आर्थिकी एवं रोजगार सलाहकार, लोक नीति एवं सुशासन केंद्र में लोक नीति एवं सुशासन सलाहकार व शहरी व अर्द्ध शहरी विकास सलाहकार व साक्ष्य आधारित योजना केंद्र में सांख्यिकी एवं डाटा व अनुश्रवण व मूल्यांकन सलाहकार होंगे।
आर्थिक एवं सामाजिक विकास केंद्र
यह कृषि व संबंधित क्षेत्रों, उद्योगों, एमएसएमई, ग्रामीण विकास, पर्यटन आदि में रोजगार की संभावनाएं और ग्रोथ ड्राइवर क्षेत्रों की पहचान करेगा। विश्व स्तरीय कौशल प्रशिक्षण। सामाजिक अवसंरचना एवं सामाजिक कल्याण के तहत विश्वस्तरीय शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए सलाह, राज्य के सभी कार्यक्रमों व नीतियों में जेंडर निर्धारण व कोई पीछे न छूटे के आधार पर कार्य करेगा।
ये होगा सलाहकारों का काम