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उत्तराखंड के 12वें सीएम का सफर

पुष्कर सिंह धामी… ये वो नाम है जिसकी गूंज देवभूमि उत्तराखंड से देश की राजधानी दिल्ली तक सुनाई देती है। मुख्यमंत्री के तौर पर सात महीने के अंदर धामी के नाम की धमक देशभर में होने लगी। सेना के सूबेदार के घर से जन्में पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। धामी की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आइए जानते हैं धामी का सफर…

पिथौरागढ़ जन्मभूमि, लखनऊ में पढ़ाई की
पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हुआ था। उस वक्त देश में आपातकाल घोषित था। तमाम तरह के प्रतिबंध लगे हुए थे। धामी के पिता शेर सिंह सेना में सूबेदार थे। पिथौरागढ़ में ही धामी ने पांचवीं तक पढ़ाई की। इसके बाद पूरा परिवार खटीमा शिफ्ट हो गया। 12वीं के बाद धामी लखनऊ यूनिवर्सिटी आ गए। यहां से उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन एवं औद्योगिक संबंध में स्नातक और एलएलबी की पढ़ाई की। धामी ने 1990 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इसके बाद वह दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान धामी ने स्थानीय युवाओं के लिए उद्योगों में नौकरियों के आरक्षण के लिए आंदोलन किया। इसका नतीजा रहा कि तत्कालीन प्रदेश सरकार ने प्रदेश के उद्योगों में 70%  नौकरी स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित कर दी।

2001 में जब भगत सिंह कोश्यारी 122 दिन के लिए मुख्यमंत्री थे, तब धामी उनके विशेष कार्यधिकारी यानी ओएसडी थे। इसके बाद 2002 से 2008 तक धामी उत्तराखंड भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे। 2012 में पहली बार और फिर 2017 में दूसरी बार धामी विधायक चुने गए। जुलाई 2021 में धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया। तब उनकी उम्र 45 साल थी। धामी के नाम उत्तराखंड का सबसे कम उम्र का मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है।

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