कॉफर बांध स्थायी ढांचा पहाड़ी के बीच से होते हुए ये टनल गुजरेगी
हल्द्वानी। कॉफर बांध ऐसा स्थायी ढांचा है जिसे एक बड़े जलीय क्षेत्र को जलरहित करने के लिए बनाया जाता है जिससे वहां निर्माण कार्य किया जा सके। इसके जरिए नदी के प्रवाह को सुरंग के माध्यम से वैकल्पिक मोड़ दिया जाता है। आमतौर पर दो कॉफर डैम बनाए जाते हैं। अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम कॉफर डैम। जब नदी तल में संरचना का निर्माण करना हो तब ये बांध बनाए जाते हैं। बांध और संबंधित संरचनाओं का निर्माण पूरा होने पर डाउनस्ट्रीम कॉफर को हटा दिया जाता है और अपस्ट्रीम कॉफर बांध में पानी भर दिया जाता है।
जमरानी बांध के लिए वित्त मंत्रालय से स्वीकृति मिलने का इंतजार है। सिंचाई विभाग ने बांध के निर्माण के लिए एडवांस टेंडर आमंत्रित किए हैं। 1828 करोड़ की लागत से कॉफर बांध, टनल, एप्रोच रोड आदि कार्य किए जाने हैं। जमरानी बांध के निर्माण से पहले दो कॉफर बांध और दो टनल बनाई जानी हैं।
जमरानी बांध क्षेत्र में 20 लाख घनमीटर के दायरे में कंक्रीटेशन का कार्य किया जाना है। इसके लिए दो डायवर्जन टनल और दो कॉफर डैम बनाए जाने हैं। 600 मीटर की दो टनलों के जरिए नदी का पानी एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचाया जाएगा। सिंचाई विभाग ने इस पूरा खाका तैयार कर लिया है। पहाड़ी के बीच से होते हुए ये टनल गुजरेगी।