Sun. Dec 22nd, 2024

पाखरो रेंज में अवैध निर्माण और पेड़ कटान के मामले में सीबीआइ की जांच जारी

देहरादून:  कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में अवैध निर्माण और पेड़ कटान के मामले में सीबीआइ की जांच जारी है। वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ के साथ ही सीबीआइ की टीम जरूरी दस्तावेज कब्जे में ले रही है।

इसी क्रम में बुधवार को सीबीआइ देहरादून की टीम ने कोटद्वार में वन कार्मिकों से घंटों पूछताछ की। प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से भी मनी लांड्रिंग को लेकर जांच की जा रही है। जिसमें वरिष्ठ आइएफएस अधिकारी और तत्कालीन वन मंत्री भी जांच के दायरे में हैं।

देहरादून से सीबीआइ की टीम कोटद्वार और उससे सटे वन रेंज के कार्मिकों से पूछताछ के लिए रवाना हुई। टीम ने सुबह से शाम तक वन विभाग के कार्यालयों में दस्तावेज खंगाले और घंटों पूछताछ की गई। इस दौरान प्रकरण से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी टीम के हाथ लगने की सूचना है।

बताया जा रहा है कि पूछताछ में भी पाखरो प्रकरण से संबंधित अहम जानकारी मिली है। सीबीआइ की कार्रवाई से वन विभाग में हड़कंप मच गया है और कई अधिकारियों तक जांच की आंच पहुंचने की आशंका है।

दरअसल, वर्ष 2019 में कार्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी बनाने के लिए 106 हेक्टेयर क्षेत्र में 163 पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बिना अनुमति यहां 6093 पेड़ काट दिए गए। साथ ही वन आरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण भी किया गया।

मामले में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत, सेवानिवृत्त डीएफओ किशन चंद समेत कुछ अन्य वन अधिकारी-कर्मचारी का नाम सामने आया था। इसके बाद वरिष्ठ आइएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक भी मामले में शामिल पाए गए। इसके बाद पहले विजिलेंस जांच और फिर कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ जांच शुरू हुई। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से भी प्रकरण में मनी लांड्रिग की जानकारी मिलने पर जांच शुरू की गई।

तब से लगातार पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, आइएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक, सेवानिवृत्त डीएफओ किशन चंद समेत अन्य से पूछताछ के साथ ही ईडी की ओर से छापेमारी भी की गई। अब सीबीआइ ने मामले की जांच तेज कर दी है और प्रकरण से संबंधित सभी जानकारियां जुटाई जा रही है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *