फेफड़े-हृदय से लेकर डायबिटीज जैसे क्रोनिक रोगों के जोखिम को कम कर देते हैं योगासन
योग से होने वाले फायदों को जानने के लिए किए गए अध्ययन में विशेषज्ञों ने पाया कि इसके अभ्यास की आदत शारीरिक-मानसिक दोनों तरह की सेहत को बढ़ावा देने में आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। थाईलैंड में खोन केन विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता रॉयरिन चानाविरुत कहते हैं, शोध से पता चलता है कि कुछ दिनों तक भी योग-व्यायाम की आदत डालकर छाती की बेहतर स्ट्रेचिंग, क्षमता और कार्यशक्ति को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
प्रोफेसर रॉयरिन बताते हैं, कुछ प्रकार के योगासनों को न सिर्फ फेफड़े की शक्ति को बढ़ाने वाला पाया गया है साथ ही अगर इनके नियमित अभ्यास की आदत बना ली जाए तो यह सांस लेने की क्षमता में सुधार करके, अस्थमा सहित श्वास को प्रभावित करने वाली कई तरह की अन्य बीमारियों की जटिलताओं को कम कर सकती है। कई योगासन जैसे मार्जरी आसन, वृक्षासन और कैमल पोज आदि के अभ्यास को इसमें काफी लाभकारी पाया गया है।
जॉन्स हॉपकिन्स में कार्डिएक एरिथिमिया सर्विस के निदेशक ह्यूग काल्किन्स कहते हैं, अध्ययनों से पता चलता है कि योगासनों के अभ्यास की आदत कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य के लिए विशेष लाभप्रद हो सकती है। पिछले पांच वर्षों में हृदय रोग के मामलों काफी उछाल देखा गया है। योग मन-शरीर की गतिविधि है जिसमें शरीर की ताकत, लचीलेपन, संतुलन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाते हैं।
योग का अभ्यास रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के साथ-साथ हृदय गति को भी कम करने में मदद कर सकता है, जिससे यह जीवनशैली हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है। एक अध्ययन से पता चला है कि जिन्होंने तीन महीने तक योग का अभ्यास किया उनमें हृदय रोग को बढ़ावा देने वाले जोखिम कारक काफी कम पाए गए।
योगासनों को जीवनशैली का हिस्सा बनाकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है।