विधानसभा चुनाव: वोट बैंक के सहारे उत्तराखंड में तीसरा कोण बनने की कोशिश
देहरादून: प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी ने राज्य गठन के बाद से ही तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। बसपा की मजबूती उसका अल्पसंख्यक और वंचित समाज का वोट बैंक रहा है।
विधानसभा चुनावों में तो यह वोट बैंक बसपा के साथ रहता है, लेकिन लोकसभा चुनाव में इस वोट बैंक को अपने पाले तक सीमित रखना बसपा के सामने एक बड़ी चुनौती बन जाता है। इस बार बसपा ने हरिद्वार व ऊधम सिंह नगर में मुस्लिम प्रत्याशी को उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है।
अब उसके सामने चुनौती अपने पारंपरिक वोट बैंक को बचाने की है। यदि यह वोट बैंक बसपा के साथ रहता है तो बसपा मुकाबले को रोचक बना सकती है।
प्रदेश में राज्य गठन के बाद बसपा पहले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में सात सीटें जीत कर तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। यह सिलसिला केवल 2017 के विधानसभा चुनाव में टूटा, जब बसपा एक भी सीट नहीं जीत पाई। यद्यपि 2022 में बसपा ने हरिद्वार विधानसभा की दो सीटें जीतने में सफलता पाई। यह बात अलग है कि बसपा एक बार भी लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाई है।
यद्यपि, हरिद्वार सीट में पार्टी प्रत्याशी को हर बार डेढ़ लाख से अधिक वोट मिले हैं। इस बार बसपा ने लोकसभा चुनाव में मुस्लिम कार्ड खेला है। बसपा ने हरिद्वार से जमील अहमद को मैदान में उतारा है। बसपा ने विधानसभा चुनाव में जो दो सीटें जीती थीं, वे दोनों उसके मुस्लिम प्रत्याशियों ने ही जीती थीं। ऐसे में बसपा ने यहां मुस्लिम प्रत्याशी उतार कर मुकाबले को रोचक बनाने का प्रयास किया है। देखा जाए तो इस सीट पर 28 प्रतिशत मुस्लिम, 27 प्रतिशत अनुसूचित जाति व जनजाति के वोट हैं।
ऐसे में यदि बसपा अपने पारंपरिक वोट बैंक को बचाते हुए मुस्लिम वोट भी पाती है तो वह इस सीट पर काफी मजबूत होकर उभर सकती है। नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट की बात करें तो यहां 16 प्रतिशत मुस्लिम व 22 प्रतिशत अनुसूचित जाति व जनजाति के मतदाता हैं। अन्य विपक्षी दल भी इस वोट बैंक पर नजर टिकाए हुए हैं। इन्हीं समीकरणों को देखते हुए बसपा इन दोनों सीटों पर ही सबसे अधिक फोकस कर रही है।
पार्टी को उम्मीद है कि यदि वह अपना पारंपरिक वंचित समाज का वोट बैंक बचाने के साथ ही मुस्लिम समाज का वोट पा जाती है तो वह मुख्य मुकाबले में होगी। बसपा प्रदेश अध्यक्ष शीशपाल चौधरी का कहना है कि प्रदेश में बसपा का अपना एक मजबूत आधार रहा है। वंचित समाज के साथ ही मुस्लिम मतदाता भी बसपा के साथ खड़ा रहता है। ऐसे में पार्टी हरिद्वार व ऊधम सिंह नगर में मजबूत स्थिति में है। साथ ही अन्य तीन सीटों पर भी उसके प्रत्याशी पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ रहे हैं।