Fri. Nov 22nd, 2024

सहायक अध्यापकों को लगा झटका

Dehradun: हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक बेसिक के पदों पर हो रही भर्ती में स्नातक स्तर पर 50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता की शर्त को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इससे अंतरिम आदेश के आधार पर नियुक्त हुए कई सहायक अध्यापकों को झटका लगा है। साथ ही जिन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग होनी थी उनका भविष्य भी अधर में लटक गया है।

मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ के समक्ष हुई। इस मामले मे नीतू पाठक सहित कई अन्य ने हाईकोर्ट मे याचिका दायर की थी। 2019 में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान किया था जिसके आधार पर कई अभ्यर्थी सहायक अध्यापक प्राइमरी के पद पर नियुक्त भी हो गए थे। कुछ पदों पर काउंसलिंग अभी होनी थी।
इस आधार पर खारिज की गईं याचिकाएं
कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने देवेश शर्मा बनाम भारत संघ में यह घोषित कर दिया था कि सहायक अध्यापक प्राइमरी के पद के लिए सिर्फ बीएड की योग्यता को आधार नहीं बनाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन का इस संबंध में जारी नोटिफिकेशन भी निरस्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर याचिकाकर्ताओं के मामले में अंतिम सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि जब बीएड की अर्हता को ही सहायक अध्यापक की एकमात्र व अनिवार्य योग्यता से सुप्रीम कोर्ट में हटा दिया है ऐसे में स्नातक में 50 प्रतिशत अंक होना या न होना इस शर्त पर विचार करने का अब कोई महत्व नहीं रहेगा। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दीं।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *