नशेड़ियों का अड्डा बना नवनिर्मित नमामि गंगे घाट
लालढांग। तीर्थनगरी हरिद्वार में स्थित गंगा घाटों पर देश-विदेश से लोग शांति, पुण्य और मोक्ष की खोज में आते हैं, लेकिन श्यामपुर स्थित नमामि गंगे घाट नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है।
जुआ खेलने का काम कर रहे लोग
नमामि गंगे शमशान घाट पर दाह संस्कार के बजाय आसपास के लोग शराब पीने के साथ ही जुआ खेलने का काम कर रहे हैं। जागरूकता के अभाव के चलते आज भी गंगा किनारे खुले में दाह संस्कार कर गंगा को प्रदूषित करने का काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हरिद्वार के चंडी घाट पुल के नीचे नमामि गंगे घाट के साथ ही नमामि गंगे श्मशान घाट का निर्माण भी कराया गया था। जिससे दूर दराज से दाह संस्कार करने वाले स्वजनों को अब बरसात एवं अन्य दिनों में परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। वहीं इसी योजना के तहत श्यामपुर के गंगा तट पर भी एक श्मशान घाट का निर्माण कराया गया था, जो लगभग पिछले तीन वर्ष पूर्व पूरा हो चुका है। इसे जन जागरूकता का अभाव ही समझिए कि तीन वर्ष होने के बावजूद भी अभी तक इस श्मशान घाट में एक भी दाह संस्कार नहीं कराया गया है।
खुले में दाह संस्कार कर गंगा को कर रहे दूषित
ग्रामीण अभी भी गंगा किनारे खुले में ही दाह संस्कार कर गंगा को दूषित कर रहे हैं। मृत के कपड़े आदि अन्य सामान को भी गंगा किनारे ही छोड़ देते हैं, जिसे कुत्ते व अन्य जानवर गांव की ओर ले गांव को भी प्रदूषित कर रहें हैं। वहीं ग्रामीणों की जन जागरूकता के अभाव का नशेड़ी जमकर फायदा उठा रहे हैं। इस घाट में शाम के वक्त आवारा घूम रहे लड़के शराब पीने के साथ ही जुआ भी खेलते हैं।
अंजान बने बैठे हैं जनप्रतिनिधि
सामाजिक सरोकारों और एनजीओ से जुड़े लोग ओर जनप्रतिनिधि समाज को सुधारने का लाख दावा करते हैं, मगर यहां सभी जान कर भी अंजान बने बैठे हैं। इस श्मशान घाट पर आपको शराब की खाली बोतलें एवं अन्य नशीले पदार्थों के रैपर बिखरे मिल जाएंगे साथ ही नशेड़ियों ने श्मशान घाट के महिला चेंजिंग रूम का दरवाजा तोड़ने के साथ भी कई सामान को क्षतिग्रस्त कर दिया है। ग्राम विकास अधिकारी रमेश पिंगल का कहना है कि श्मशान घाट ग्राम पंचायत के हेड ओवर नहीं किया गया है। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी नमामि गंगे परियोजना के अधिकारियों की है।