यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र पर रूस का कब्जा

कीव, रायटर। यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को रूसी सेना ने यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र जपोरीजिया पर कब्जा कर लिया। हमले के दौरान हुई बमबारी से संयंत्र में आग लग गई जिससे पूरी दुनिया में सनसनी पैदा हो गई। आनन-फानन में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) और अन्य विशेषज्ञों ने रूस को खतरे से आगाह किया, तब यूक्रेनी अग्निशमन दल को आग बुझाने की अनुमति मिली। इससे पहले रूस ने यूक्रेन के चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर कब्जा किया है।
अमेरिका ने परमाणु संयंत्रों पर हमला कर मानव जाति को खतरे में डालने के लिए रूस पर युद्ध अपराध का आरोप लगाया है। यूक्रेन को परमाणु हथियार न बनाने देने के रूस के एलान के परिप्रेक्ष्य में ही रूसी सेना के परमाणु संयंत्रों पर कब्जे के अभियान को देखा जा रहा है। खबर है कि रूसी सेना पांच लाख की आबादी वाले मीकोलईव शहर में प्रवेश कर गई है।
मीकोलईव यूक्रेन के महानगरों में शुमार है और वहां पर पानी के जहाज बनते हैं। रूसी मीडिया का दावा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की देश छोड़कर पोलैंड चले गए हैं। लेकिन यूक्रेन सरकार ने इस दावे का खंडन किया है।
जपोरीजिया संयंत्र से जुड़े अधिकारियों ने बताया है कि आग ट्रेनिंग सेंटर में लगी थी जिसे मुख्य संयंत्र तक पहुंचने से पहले बुझा दिया गया। अगर आग रिएक्टरों तक पहुंच जाती तो यूक्रेन ही नहीं नजदीकी देशों में महाविनाश तय था। आग बुझने के बाद आइएईए ने चैन की सांस ली है और क्षेत्र में विकिरण को सामान्य स्तर पर करार दिया है।
यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र
छह रिएक्टरों वाला यह यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र है जिससे छह हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। इस संयंत्र से यूक्रेन की जरूरत की 20 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति होती है। इससे पहले रूसी सेना ने यूक्रेनी सुरक्षा बलों को परास्त कर संयंत्र के प्रशासनिक भवन और नियंत्रण भवन पर कब्जा कर लिया था। यहां की लड़ाई में यूक्रेन के तीन सैनिक मारे गए।