उत्तराखण्ड में आम आदमी पार्टी क्या खाता खोल पाएगी
देहरादून उत्तराखंड में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी क्या खाता खोल पाएगी, यह सवाल सभी की जुबान पर तैर रहा है। प्रदेश में तीसरे विकल्प का दावा करने वाली आप ने सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ा है। गुरुवार को आने वाले चुनाव नतीजों के बाद आप का उत्तराखंड में सियासी दम साफ हो जाएगा।
प्रदेश की राजनीति में पहले से सक्रिय क्षेत्रीय दलों की तुलना में आप ने प्रदेश की सियासत में दमदार तरीके से एंट्री की और कांग्रेस-भाजपा की तरह रणनीति बनाकर चुनाव लड़ा। आप के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल को सामने रखकर उत्तराखंड नवनिर्माण और नव परिवर्तन का संकल्प लिया। सत्ता में आने के बाद उत्तराखंड के लोगों के लिए कई लुभावने वादों के तीर चलाकर सियासी जमीन तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
केजरीवाल ने उत्तराखंड के दौरे कर एक-एक कर कई वादों की गारंटी दी, जिनमें प्रत्येक परिवार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली, बेरोजगारों को सरकारी नौकरी, पांच हजार रुपये भत्ता, महिलाओं को प्रति माह एक हजार रुपये की सम्मान राशि, बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा, शहीद सैनिकों के परिजनों को एक करोड़ की आर्थिक सहायता, उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने का एलान किया था।
आप के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय का कहना है कि 10 मार्च को चुनाव के अप्रत्याशित नतीजे सामने आएंगे, जो पार्टी के लिए बेहतर होगा। दिल्ली मॉडल पर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं, महिलाओं ने केजरीवाल मॉडल को समर्थन दिया है। हमें पूरी उम्मीद है कि प्रदेश का जनादेश आप के पक्ष में आएगा।