कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने घटना के तथ्यों से जुड़ा एक ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा और सुप्रीम कोर्ट के दो जजों से जांच की मांग की
नई दिल्ली, लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की घटना को लेकर कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से मिलने आज राष्ट्रपति भवन पहुंचा गया। यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा की घटना को लेकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से मिला। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और इस मामले में सक्रिय दिख रही प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल दल राष्ट्रपति कोविन्द से मिला और इस घटना से जुड़े तथ्यों के साथ उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर हमने राष्ट्रपति से कहा कि आरोपी के पिता जो गृह राज्य मंत्री हैं, उनको पद से हटा देना चाहिए क्योंकि उनकी मौजूदगी में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इसी तरह, हमने सुप्रीम कोर्ट के दो मौजूदा जजों से भी जांच कराने की मांग की।
इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि राष्ट्रपति ने हमें आश्वासन दिया है कि वह आज ही सरकार से इस मामले पर चर्चा करेंगे।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को लखीमपुर खीरी कांड के संबंध में सारी जानकारी दी. हमारी 2 मांगें हैं- मौजूदा जजों से स्वतंत्र जांच होनी चाहिए और गृह राज्य मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) को या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या बर्खास्त कर देना चाहिए। न्याय तभी संभव होगा।
कांग्रेस नेताओं की राष्ट्रपति कोविन्द से मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट किया- कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, राहुल गाधी और प्रियंका गांधी थे उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन नेता शामिल रहे?
कांग्रेस के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दल में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल रहे।
क्या है लखीमपुर हिंसा मामला?
तीन अक्टूबर, 2021 की घटना लखीमपुर शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर तिकुनिया-बनबीरपुर रोड पर हुई, जब किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव बनबीरपुर जाने का विरोध कर रहे थे। इस घटना में चार किसान, एक पत्रकार और तीन अन्य (जो इस घटना के बाद पीट-पीट कर मार दिए गए थे) की मौत हो गई थी। मरने वाले किसानों में दो लखीमपुर खीरी और दो पड़ोसी बहराइच जिले के थे।
आपको बता दें कि जिस दिन यह हिंसा लखीमपुर में हुई, उस दिन यूपी सरकार के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ वह लखीमपुर में एक सभा कर रहे थे। सोशल मीडिया में कुछ वीडियो फुटेज के जरिए अजय मिश्रा के बेटे की संलिप्तता का दावा किया गया, जिसे कोर्ट ने पहले न्यायिक हिरासत और बाद में पुलिस हिरासत में भेज दिया है।