डिग्री छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क टैबलेट उपलब्ध कराने को सरकार ने 126 करोड़ की राशि की जारी
प्रदेश के सरकारी डिग्री कालेजों में अध्ययनरत 1.05 लाख छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क टैबलेट उपलब्ध कराने को सरकार ने 126 करोड़ की राशि जारी की है। प्रति छात्र 12 हजार की राशि उनके बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी। छात्रसंख्या कम होने की स्थिति में अवशेष धनराशि शासन को वापस की जाएगी। टैबलेट वितरण में पारदर्शिता के लिए प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी डिग्री कालेजों और सरकारी स्कूलों में 10वीं व 12वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को 2.64 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क टैबलेट देने की घोषणा की थी। सरकार स्वयं टैबलेट खरीद कर देने के स्थान पर प्रति टैबलेट 12 हजार की राशि छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में जारी कर रही है। पिछले दिनों सरकारी स्कूलों के 10वीं व 12वीं के 1.59 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने के लिए धनराशि जारी की जा चुकी है।
उच्च शिक्षा अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को सरकारी डिग्री कालेजों के छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने को धनराशि जारी की। यह राशि चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में ही खर्च की जाएगी। इस धनराशि को किसी अन्य मद में खर्च नहीं किया जा सकता। उच्च शिक्षा निदेशक को जारी आदेश में कहा गया कि यह धनराशि आंकलित छात्रसंख्या के आधार पर जारी की जा रही है। वास्तविक छात्रसंख्या में भिन्नता होने पर तत्काल शासन को अवगत कराया जाएगा।
टैबलेट वितरण में पारदर्शिता के दृष्टिगत प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति में संबंधित जिले के विभागीय नोडल अधिकारी एवं संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्य व पीटीए अध्यक्ष शामिल होंगे। समिति योजना की प्रगति के साथ ही खरीदे गए टैबलेट की गुणवत्ता और संबंधित छात्र से टैबलेट खरीद का वाउचर निश्चित समय अवधि में अनिवार्य रूप से प्राप्त करेगी।
योजना से लाभान्वित होने वाले छात्रों का ब्योरा विभागीय वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा। साथ ही योजना के प्रचार के लिए जारी किए जाने वाले निर्देशों को भी इस वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाएगा। छात्र नवीनतम माडल और गुणवत्ता के टैबलेट खरीदेंगे। शासन ने आठ इंच के टैबलेट के संबंधित उपकरणों की खरीद 27 अगस्त को जारी निर्देशों के अनुरूप ही किए जाने को कहा है।