गोरखपुर मेट्रोलाइट रेल प्रोजेक्ट के फेज-1 को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड की बैठक में मिला अप्रूवल, सीएम योगी ने खुद ट्वीट कर दी जानकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में लाइट मेट्रो के संचालन की दिशा में तेजी से फैसले लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की बैठक में ‘गोरखपुर मेट्रोलाइट रेल प्रोजेक्ट’ के फेज-1 हेतु अप्रूवल मिल गया है। यह जानकारी बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद ट्वीट कर साझा की है। इसके लिए उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी का आभार भी प्रकट किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि गोरखपुर में मेट्रो सेवा आरंभ करने की प्रक्रिया तीव्र गति से बढ़ रही है। इसी कड़ी में पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की बैठक में ‘गोरखपुर मेट्रोलाइट रेल प्रोजेक्ट’ के फेज-1 हेतु अप्रूवल मिल गया है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार आभार जताया है।
बता दें कि सरकार गोरखपुर में लाइट मेट्रो चलाना चाहती है। इसके लिए पिछले दिनों गोरखपुर को महानगर घोषित किया गया। कम आबादी के कारण यह शहर उस दायरे में नहीं आ पा रहा था। महानगर बनने के साथ ही मेट्रो के संचालन का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने गोरखपुर नगर निगम के अलावा तीन नगर पंचायत व आठ विकास खंडों को शामिल कर महानगर क्षेत्र घोषित किया है। मेट्रो के संचालन के लिए शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी (महानगर) होना जरूरी होता है। इसके बगैर केंद्र सरकार से मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए अंशदान भी नहीं मिल पाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर शहर में लाइट रेल ट्रांजिट परियोजना (एलआरटी) के तहत तीन कोच वाली लाइट मेट्रो का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार किया गया है। कैबिनेट ने इसे अपनी मंजूरी भी दे दी है। केंद्र की अनुमति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। वर्ष 2024 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। सरकार ने बजट में भी गोरखपुर, वाराणसी और अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान सुनिश्चित किया है।
डीपीआर के मुताबिक गोरखपुर मेट्रो के लिए दो कारिडोर होंगे। दोनों कारिडोर पर कुल 27 स्टेशन बनाए जाएंगे। सभी स्टेशन एलिवेटेड यानी ऊपर बनाए जाएंगे। मेट्रो में लगभग 4672 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। पहला कारिडोर श्याम नगर से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक 15.14 किमी लंबा होगा। इसमें 14 स्टेशन बनाए जाएंगे। अनुमान है कि वर्ष 2024 में 1.55 लाख लोग इसमें रोजाना सफर करेंगे। यह संख्या वर्ष 2031 में बढ़कर 2.05 लाख होगी, जबकि अगले दस साल यानी वर्ष 2041 तक इसमें 2.73 लाख लोग रोजाना सफर कर सकेंगे।