Sat. Jul 27th, 2024

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर भाजपा सरकार ने सधी प्रतिक्रिया देते कहा- केंद्र सरकार ने किसानों की भावनाओं का किया सम्मान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर प्रदेश की भाजपा सरकार और संगठन ने सधी प्रतिक्रिया देते कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की भावनाओं का सम्मान किया है। साथ ही कहा कि किसान हित में ये कानून लाए गए थे, लेकिन इनके बारे में कहीं न कहीं किसानों को समझाने में चूक हुई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर कहा कि गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा का वह स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री ने फिर साबित किया है कि वह किसानों के कल्याण को प्रतिबद्ध हैं। इस निर्णय से पूरे देश में भाईचारे का माहौल बनेगा। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जाने-अनजाने किसान इन कृषि कानूनों को नहीं समझ पाए। प्रधानमंत्री ने इन्हें वापस लेने की घोषणा कर किसानों की भावनाओं का सम्मान किया है।

कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बड़ा दिल दिखाते हुए बड़ा कदम उठाया है। इसे राजनीति नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री के बड़प्पन के तौर पर देखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री के निर्णय दिल से और जनहित में होते हैं। हो सकता है कि जो लोग आज विरोध कर रहे हैं, कल वही यह कहें कि प्रधानमंत्री जो कृषि कानून लाए थे, वे सार्थक हैं।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कृषि कानून किसानों के कल्याण और कृषि व देश हित और गांव-गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए पूरी सत्यनिष्ठा से नेक नीयत से लाए गए थे। बावजूद इसके जिस प्रकार कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा था, उसे देखते हुए प्रधानमंत्री का निर्णय स्वागत योग्य है।

भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि किसानों के व्यापक हित में पूरी ईमानदारी के साथ कृषि कानून लाए गए थे, लेकिन हम इस बारे में समझाने में असमर्थ रहे। यदि किसानों को लगता है कि ये कानून ठीक नहीं तो इन्हें वापस लिया गया है। उन्होंने कहा कि अब कृषक अपने खेतों में जाएं और जो कार्य करते हैं, उसे देशहित में करें।

राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद अब किसान संगठनों को प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह निर्णय सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का सटीक उदाहरण है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *