Dehradun: राज्य में युवा आपदा मित्र योजना के तहत 4310 स्वयंसेवकों को आपदाओं का सामना करने में सक्षम तथा फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में दक्ष बनाया जाएगा। सोमवार को सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने योजना को लागू करने को लेकर एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र तथा भारत स्काउट एवं गाइड के स्वयंसेवकों के संगठनों के प्रतिनिधियों तथा यूएसडीएमए के अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश दिए।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य समुदायों को व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से आपदाओं का सामना करने में सक्षम बनाना है। ताकि किसी भी आपदा के समय वे राहत और बचाव कार्यों के साथ ही आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन के प्रयासों में अपना योगदान दे सकें।
50 प्रतिशत महिलाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित
युवा आपदा मित्र योजना के तहत स्वयंसेवकों की उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। संबंधित जनपद का निवासी होना चाहिए तथा एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र या भारत स्काउट-गाइड में नामांकन होना चाहिए। कम से कम 7वीं कक्षा उत्तीर्ण हों। शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। इसके साथ ही महिला स्वयंसेवकों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 50 प्रतिशत महिला स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किए जाने के प्रयास किए जाएंगे।