सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने अगले आदेश तक स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया
वायु प्रदूषण को लेकर बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने अगले आदेश तक स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया है। बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करने के साथ स्कूलों को खोलने पर सवाल उठाए थे। इस पर माना जा रहा था कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण और कोरोना के नए ओमिक्रोन वैरिएंट के मद्देनजर स्कूलों को बंद करने का ऐलान कर सकती है और ऐसा ही हुआ। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के कुछ देर बाद ही स्कूलों को अगले आदेश तक बंद करने का ऐलान कर दिया।
गौरतलब है कि वायु प्रदूषण के बिगड़ते हालात पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आश्वासन और लोकप्रियता के नारों के अलावा कोई काम नहीं है। अगर आप आदेश चाहते हैं, तो हम आदेश देंगे। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना साफ साफ कहा कि हम प्रदूषण के मामले में आपकी सरकार को संचालित करने के लिए किसी को नियुक्त करेंगे। आप हमें बताइए कि आपने वयस्कों के लिए वर्क फ्राम होम लागू किया है, इसलिए माता-पिता घर से काम करते हैं और बच्चों को स्कूल जाना पड़ता है। यह क्या है?
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि छोटे बच्चे स्कूल जा रहे हैं, अखबारों में आ रहा है कि कर्मचारियों को वर्क फ्राम होम करा रहे हैं और बच्चे स्कूल भेजे जा रहे हैं। इस टिप्पणी पर दिल्ली सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के 2 मिनट मांगने पर एनवी रमना ने कहा कि हम विपक्ष नहीं हैं. जो बेवजह आपकी निंदा करें। हमें बस लोगों की चिंता है। सीजेआई ने कहा कि आप कुछ नहीं करेंगे तो हमें बंद करना पड़ेगा। इस सख्त टिप्पणी के बाद माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण के वर्तमान हालात के मद्देनजर स्कूलों को बंद करने का ऐलान कर सकती है। संभव है कि इस बाबत दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक बैठक भी जल्द ही बुलाई जाए, जिसमें स्कूलों को बंद करने पर आम सहमति बनाई जाए। गौरतलब है कि पिछलों दिनों सुनवाई के दौरान वायु प्रदूषण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों को बंद करने का सुझाव दिया था। इस पर अमल करते हुए कुछ ही घंटों में दिल्ली सरकार ने स्कूलों को बंद करने का एलान किया था।