उत्तराखंड में पर्यटन की चुनौतियों व भविष्य पर मंथन
Dehradun: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से पर्यटन खासतौर से होटल इंडस्ट्री में क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं। होटल में रूम मैनेजमेंट से लेकर उपलब्ध सुविधाओं, सेवाओं, भोजन विकल्पों आदि की पूरी जानकारी एआई के माध्यम से कम खर्च व कम समय में दी जा सकती है। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ नॉर्दर्न इंडिया के 9वें हरानी कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों ने ये बात कही।
कॉन्क्लेव का शुभारंभ पर्यटन मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक उत्तर राजेंद्र कुमार सुमन ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि चारधाम सीजनल यात्रा है। हमें इसके बाद के पयर्टन गतिविधियों पर फोकस करना होगा। राज्य में एडवेंचर डेस्टिनेशन विकसित होने चाहिएं। विंटर स्पोर्ट्स को प्रोत्साहित किया जाए। वाइब्रेंट विलेज भी पर्यटन को बढ़ावा देने का बड़ा कारक बनेंगे।
कॉन्क्लेव में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर सत्र हुआ, जिसका संचालन हरिश्चंद्र ने किया। उन्होंने कहा कि चैटबॉट होटल इंडस्ट्री को काफी मदद कर सकता है। टूरिस्ट को रूम फेस, केटरिंग, फूड प्रायोरिटी आदि की जानकारी एआई से मिल सकती है। संजय सूद ने कहा कि एआई से होटल में रूम मैनेजमेंट तो हो सकता है लेकिन इसके खर्च को भी देखना होगा। विशेषज्ञ राहुल सिंह ने कहा कि एआई से जहां सुविधा मिलेगी, वहीं पर्यटकों की प्राइवेसी पर भी चिंतन करने की जरूरत है। जसप्रीत सिंह ने भी डाटा प्रोटेक्शन की वकालत की।।