Fri. Oct 18th, 2024

दुर्लभ वनस्पतियों से समृद्ध है फूलों की घाटी

FLOWER VALLEY

दुर्लभ वनस्पतियों से समृद्ध है फूलों की घाटी,  पर्यटन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। पर्यटकों की सभी जरूरतों का ख्याल रखा जाएगा। फूलों की 300 से ज्यादा प्रजातियों को समेटे फूलों की घाटी बुधवार से पर्यटकों का इस्तकबाल करेगी। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि विभागीय स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि समुद्रतल से 3962 मीटर ऊंचाई पर यह घाटी 87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली है। फूलों की घाटी नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में आती है। यह जगह कुछ रंगीन और अविश्वसनीय फूलों जैसे गेंदा और ऑर्किड से बसी पड़ी है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में पक्षियों, तितलियों और जानवरों को भी काफी अच्छी संख्या में देखा जा सकता है।

फूलों की घाटी एक जून से अक्तूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी। पूरी घाटी दुर्लभ और विदेशी हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है। यहां फूलों की 300 से अधिक प्रजातियां पाईं जाती हैं, जिनमें एनीमोन, जेरेनियम, प्राइमुलस, ब्लू पोस्पी और ब्लूबेल शामिल हैं। यहां देखने के लिए सबसे खूबसूरत फूल ब्रह्म कमल है, जिसे उत्तराखंड का राज्य फूल भी कहा जाता है। पर्यटन सचिव के मुताबिक, फूलों की घाटी ब्रिटिश पर्वतारोही और वनस्पति शास्त्री, फ्रैंक एस स्मिथ की 1931 में की हुई आकस्मिक खोज थी। इसे यूनेस्को ने 2005 में विश्व धरोहर घोषित किया था।

ट्रेकिंग का शौक होगा पूरा
फूलों की घाटी में 17 किलोमीटर लंबा ट्रेक है, जो 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित घांघरिया से शुरू होता है। जोशीमठ के पास एक छोटी सी बस्ती गोविंदघाट से ट्रेक के जरिये पहुंचा जा सकता है। फूलों की घाटी में प्रवेश करने के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की ओर से ऑफलाइन माध्यम से अनुमति दी जाती है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *